बामसेफ क्या है ? (What is BAMCEF?)

‘बामसेफ’ (BAMCEF) यह संगठन विगत 26 वर्षों से पूरे भारत देश में कार्यरत है और मूलनिवासी बहुजन समाज इस नाम से लगभग परिचित है। यह अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग तथा इनसे धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित कर्मचारियों का संगठन है। BAMCEF – बामसेफ शब्द संगठन के नाम का संक्षिप्त रूप है। इसका विस्तृत रूप इस प्रकार है:-
B- Backward (S.C, S.T, O.B.C),
A- And,
M- Minority,
C- Communities,
E- Employ-ees,
F- Federation.
अर्थात् Backward
And Minority Communities Employees Federation.
बामसेफ के संक्षिप्त रूप का यह विस्तार है जिससे संगठन के सारगर्भित नाम का पता चलता है, जैसे The All India Backward (S.C, S.T, O.B.C) And Minority Communities Employees Federation.
यहाँ बैकवर्ड इस शब्द का प्रयोग अनुसूचित जाति/जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के संदर्भ में किया गया है। हालाकि ये तीनों वर्ग गैरबराबरी की ब्राह्मणवादी समाज व्यवस्था से समान रूप से प्रताड़ित नहीं हैं। कुछ समुदाय कम पीड़ित है तो कुछ ज्यादा पीड़ित है। यह कम-ज्यादा प्रमाण से प्रताड़ना की योजना भी ब्राह्मणवादी व्यवस्था ने साजिश के तहत बनायी है ताकि यह जनसमुदाय कभी एक न हो सके। लेकिन एक बात अनुसूचित जाति/जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के जनसमुदायों से बहुत स्पष्ट है कि ये सभी जनसमुदाय ब्राह्मणवादी व्यवस्था से जाति के आधार पर अपमानित, प्रताड़ित तथा शोषित हैं, चाहे उनके प्रताड़ना का प्रमाण कम ज्यादा क्यों न हो। ऐतिहासिक तथ्य भी यह प्रमाणित करता है कि अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के लोग इतिहास में कभी एक थे और यह सभी भारत देश के मूलनिवासी है। जहाँ तक अल्पसंख्यकों का सवाल है समाजशास्त्रियों ने यह सिद्ध किया है कि जाति व्यवस्था के भेदभाव तथा शोषण के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के लोग बहुसंख्यक मात्रा में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध तथा सिक्ख धर्म में धर्मपरिवर्तित हैं। इसलिए ‘बामसेफ’ ने इस ऐतिहासिक सत्य को आधार बनाकर अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्ग तथा धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारियों को संगठित करने का लक्ष्य अपने सामने रखा है।
यह संगठन रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज, दिल्ली द्वारा पंजीकृत किया गया है और इसका पंजीकरण क्रमांक एस-17809 / 87 है।