बामसेफ का 38 वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन : राजामुन्द्री आंध्र प्रदेश

(राजा महेंद्र वरम, राजमंड्री) : बामसेफ (दि आल इंडिया बैकवर्ड (एससी, एसटी, ओबीसी) एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लॉईज फेडरेशन #BAMCEF) का 38 वां राष्ट्रीय अधिवेशन राजा महेंद्र वरम (राजमंड्री) स्थित मार्गनी इस्टेट मैदान (Margani Estates Ground Rajahmundry) में हर्षोल्लास के साथ शुरू है। जिसमें देश भर से बामसेफ के विभिन्न राज्यों के कार्यकर्ता प्रतिनिधि उपस्थित हैं। अधिवेशन की कारवाई दिनांक 25 से 28 दिसंबर 2021 चार दिनों तक चलेगी। अधिवेशन में मुख्य रूप से अनेक गंभीर मुद्दों पर चर्चा की जानेवाली है। 

 

38 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उदघाटक व मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति वी. ईश्वरैया Justice V. Eshwaraiah (पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट आंधप्रदेश,पूर्व अध्यक्ष एनसीबी एवं अध्यक्ष एचआईआर आयोग,आंध्र प्रदेश) उपस्थित थे। अतिथि विशेष के रूप में आंध्र प्रदेश सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, आईएएस एम. रवि चंद्रा (M Ravi Chandra, IAS) तथा शहीद भगत सिंह, शताब्दी फाउंडेशन, पंजाब के अध्यक्ष प्रो.जगमोहन सिंह (Prof. Jagmohan Singh)  ने अपने विचार रखें। उदघाटन सत्र की अध्यक्षता बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. एन.गंगाधर (N. Gangadhar) ने की।

करोना महामारी के कहर के चलते दो वर्षों के बाद इतने बड़े पैमाने पर पहली बार यह अधिवेशन हो रहा है। कोविड को ध्यान हुए फिजिकल डिस्टेंस व सेनिटाइजेशन को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्था की गयी है। मार्गनी इस्टेट के विशाल मैदान में भव्य सभागृह, पुस्तकआदि साहित्य प्रसार केंद्र, आवास व्यवस्था, भोजन गृह आदि की पूरी व्यवस्था की गई है। जिसमें देश भर से विभिन्न राज्यों से अनेकों कार्यकर्ताओं द्वारा एक मिनी भारत को शहर में बसाया गया है।

बामसेफ का यह 38 वां राष्ट्रीय बामसेफ की तमाम अधिवेशनों की कड़ी में मिल पत्थर रहा है। लम्बे अरसे के बाद आंध्र प्रदेश में अधिवेशन को आयोजित हुआ। इससे आंध्र प्रदेश व तेलंगणा समेत दक्षिण भारत में बामसेफ का नेटवर्क अब विभिन्न जिलों में गांव स्तर तक और मजबूत हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कार्यकर्ताओं की उत्साहपूर्ण सहभागिता से यह साफ़ झलक रहा है।

अधिवेशन का उद्घाटन सत्र बड़ा ही शानदार रहा। बामसेफ निश्चित कार्यक्रम के अनुसार 25 दिसंबर 2021 को राजा महेंद्र वरम शहर स्थित राष्ट्रपिता ज्योतिबा फूले जी एवं राष्ट्र निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जी की प्रतिमाओं को माल्यार्पण किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मू. एन. गंगाधर द्वारा बामसेफ के झंडे को फहराया गया व बीवीएफ कैडर ने सलामी दी। 

25 दिसंबर 1927 को महाड चवदार सत्याग्रह (Mahad Satyagrah) के वक्त मनुस्मृति (Manusmriti) का दहन करके मानव मुक्ति का आगाज किया गया था। इसके उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बामसेफ द्वारा देश भर में 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन करने का निर्णय किया गया है। जिसकी शुरुवात बामसेफ के इस राष्ट्रीय अधिवेशन से की गई। इस अधिवेशन में एक अग्नि कुंड बनाकर, सभी कार्यकर्ताओं द्वारा मनुस्मृति को प्रतीकात्मक रूप से जलाते हुए, पूरे भारत भर से मानुस्मृति के विचारों को जड़ से उखाड़ने का ऐलान किया।

बामसेफ अधिवेशन स्थल के विशाल प्रांगण में भीमा कोरेगांव विजय स्तम्भ (Bhima Koregaon Vijay Stambh) की प्रतिकृति को भी स्थापित किया गया है। जहां अधिवेशन के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी ईश्वरैया, बामसेफ राष्ट्रीय अध्यक्ष एन गंगाधर द्वारा अभिवादन किया गया।

इस अधिवेशन में बामसेफ प्रकाशन समिति द्वारा विभिन्न पुस्तकों एवं विचारधारा के प्रचार-प्रसार के साहित्य का प्रकाशन किया गया।

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